बस एक और बोल आज के लिए
By Himanshu Angad Rai बस एक और बोल आज के लिए, मैं उसकी याद में लिखता हूँ। अब सुरज चढ़ने को है, मैं उसे पाने की एक और कोशीश करता हूँ। उसका...
बस एक और बोल आज के लिए
उसके खोने का सबब पूछा
दिन भर हसने के बाद रात में क्यों रोते हो
मेरा उसका रिश्ता ऐसा है
इन दवाइयों से शरीर में खुजली बढ़ती है
हाथ रोकने कि कोशिश में हूँ
उसकी यादें
Tera Mujh Se
स्याही
Chinta Ke Rasthe Bahut Lambe Hai
Hamara Afasana Pal Bhar Ka Tha
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