top of page
Oct 29, 20241 min read
हबीब कोई।।...
By Abhimanyu Bakshi आसमान को दिखाया है मैंने उसका रक़ीब कोई, बदलता है मौसम जैसे यहाँ पर हबीब कोई। उसे नई ख़ुश्बूओं से मिले फ़ुरसत, मैं...
145
0
Oct 29, 20241 min read
कब होगी।।...
By Abhimanyu Bakshi मौसम मोहब्बत का यूँ तो अज़ल से है, उल्फ़त की बरसात कब होगी। शुक्रिया जो बुलाया हमें दावत पे, पर दिल की मुलाक़ात कब...
96
0
Oct 29, 20241 min read
दरमियान।।...
By Abhimanyu Bakshi ज़िंदगी है फ़ुरसत-ओ-मसरूफ़ियत के दरमियान, मैं खड़ा हूँ तसव्वुर-ओ-असलियत के दरमियान। एक हसरत थी दोनों में राब्ता बनाने...
303
0
Apr 13, 20241 min read
तेरे यहाँ का सफ़र किए जा रहा हूँ मैं
By Odemar Bühn तिरे यहाँ का सफ़र किए जा रहा हूँ मैं यही सफ़र उम्र-भर किए जा रहा हूँ मैं गया है दिल पर नहीं मिलेगा तिरे भी पास तो क्यों...
8
0
bottom of page