एक समझदारी
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(8)By Ankita जिनको खुश रखने क लिए मर रहे है वो एक पल नहीं लगाएंगे भूलने में यादें और नाम भी घुल जायेंगे वक़्त के साथ और हम भटकते रहेंगे अपनी...
By Ankita जिनको खुश रखने क लिए मर रहे है वो एक पल नहीं लगाएंगे भूलने में यादें और नाम भी घुल जायेंगे वक़्त के साथ और हम भटकते रहेंगे अपनी...
By Gagan Dhingra Thought / Brief of Poem. This poem is for a sister from brother side, whose sister is living in abroad and she comes to...
By Vidhi Krupal Shah ना जाने वो दिन कहा चले गए हैं ना जाने वो दिन कहा चले गए हैं जहा हर छोटी खुशी भी बड़ी लगती थी । ना जाने वो दिन कहा...
By Snigdha Bhardwaj सुनो आज चाँद देखा क्या? क्या देखी तुम्हें लुभाने को, उसकी बादलों संग लुका छुप्पी की अठखेलियाँ? या देखे उसके अक्स में...
By Snigdha Bhardwaj चलो ना कहीं और चलते हैं, अहम और अपेक्षाओं से परे, चलो एक नया जहान गढ़ते हैं, चलो ना कहीं और चलते हैं। वो जहान जहाँ...
By Vijay Prakash Jain तुम स्वप्न, खुली इन आंखों का, उपवन की सुन्दरतम कलिका, या स्वर्ग लोक से आई परी, सौन्दर्य रूप की हो मलिका, तुम्हें...