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Short poems
यादें
By Aahish Anilrao Deshmukh खूं का दिल में आना जाना चलता रहता है... लबडब लबडब गुनगुनाना चलता रहता है... कुछ यादें आझाद रहती हैं बंदिशो से...
Hashtag Kalakar
Mar 1, 20231 min read
खाकी
By Aahish Anilrao Deshmukh राते जाग जिन सितारो को, कांधे पर उतारा है... खाक की है चमक उसमें, खाक का ही तारा है... खाक ही है वजूद हमारा,...
Hashtag Kalakar
Mar 1, 20231 min read
Night
By Najila Yahu
Hashtag Kalakar
Feb 25, 20231 min read
Her
By Bhuvaneswari B If you had only been the need of my body I would have long forgotten you after our first intimacy You don’t realize...
Hashtag Kalakar
Feb 16, 20231 min read
Frostbite
By Gurtej Singh Dutta I have this treasure box, Deep inside a mystical cave, Filled with the cozy-warm clothes I gathered within my...
Hashtag Kalakar
Feb 16, 20231 min read
माँ
By Nisarg Shah तुझे मैं कभी समझ न पाया,पर इतना जानता हूँ, कि तुम हो ईश्वर की सबसे प्यारी और सुंदर माया। तेरे अंदर सच्ची दस लोगों की शक्ति...
Hashtag Kalakar
Feb 16, 20231 min read
सब कहते हैं
By Kratika Agrawal सब कहते हैं मेरा गुस्सा बहुत तेज़ है पर उससे भी तेज़ है उसका मनाना मुझे गुस्सा ही आने नहीं देता। By Kratika Agrawal
Hashtag Kalakar
Feb 15, 20231 min read
एक वक्त था जब हम जिंदा थे
By Kratika Agrawal एक वक्त था जब हम जिंदा थे हा जी हां हम जिंदा थे। तब दर्द भी होता था आंसू भी बहते थे हंसी भी कभी-कभी फूंट पड़ती थीं। आज...
Hashtag Kalakar
Feb 15, 20231 min read
आज वक्त बहुत कम है
By Kratika Agrawal अब वक्त बहुत कम है मुझे कुछ लिखना है पर में करू क्या मैं बंद हो चुकी हुं हा उस घड़ी की तरह जिसकी नियती हैं चलना हां उन...
Hashtag Kalakar
Feb 15, 20231 min read
Maa
By Pritesh Maheshwari वो बच्चों की हर ग़लती से पहले ही उन्हें माफ़ करती है.. चाहें ग़लत ही हों बच्चे फ़िर भी उनके हक़ में इंसाफ़ करती...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
यह शाम के रंग
By Anuja यह शाम के रंग तेरी हरकतों की तरह है उलझे हुए मगर खूबसूरत डूब जाए आज तो अफ़सोस नहीं होगा इश्क़ आज भी है मगर कल से थोड़ा ज़्यादा |...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
Letter To Emojis
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") Dear Emojis, Thank for being there..... Sometime we want to express, But Something pressing us to be...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
समझता हूँ मैं
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") आपके किरदार को अच्छे से पहचानता हूँ मैं, हमदर्द के लिबास में, ज़ख़्मो को सर-ए-आम करने आए हो मेरे, समझता...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
वर्चुअल वर्ल्ड
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") वर्चुअल वर्ल्ड से लौट आया है तख़ल्लुस मेरा, शिकायत ये है कि, प्लेटफॉर्म तो बहुत थे बाग़-ए-सोशल मीडिया...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
तन्हा रहने का सिलसिला
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") दिल का मेरे तन्हा रहने का सिलसिला कुछ यूँ जारी रहा, कहीं अलफ़ाज़ गुम रहे तो कहीं दिल-फेंक समझा गया। वो...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
जीने की आरज़ू
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") जीने की आरज़ू है अभी, सांस बाकी जो है अभी। शुक्र भेजना है उसको, कि महफ़ूज़ जो हर वबाओं से हूँ मैं अभी।...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
छूट गए सब लोग पुराने
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") छूट गए सब लोग पुराने, एक साइकिल पर तीन यार पुराने। संध्या काल में दरवाजे पर खट-खट की कहानियां, बिन मतलब...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
ख़मोश निगाहें
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") उसकी ख़मोश निगाहें सवालों के तूफ़ान उठा देती हैं, बिन बोले हरसू कोहराम मचा देती हैं। बड़ी कश्मकश में...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
ख़ता-ए-दिल
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") दिल की ख़ता ये है, कि ये सबसे दिल से मिलता है इस खुदगर्ज़ ज़माने में ये सबसे अपनेपन से मिलता है। धोखा...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
ग़म का क़िस्सा है ये...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") ग़म का क़िस्सा है ये, कि ये ख़ुशी की तालाश में रहता है, जैसे एक बेरोज़गार रोज़ी की तालाश में रहता है।...
Hashtag Kalakar
Feb 14, 20231 min read
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