top of page

मुमकिन नही

Updated: Jul 30

By Anjaanehssas


तेरे हुसन की तारिफ मुमकिन नही,

मैं कोशिश से कतरा जाऊ मुमकिन नही।


तेरी खुबसूरती बयां हो जाय मुमकिन नही,

तेरे जितना खुबसूरत जग मे कुछ और मुमकिन नही।


ना जाने कितने बरसो की मेहनत है तू,

तेरी तराश का सांचा उसके पास हो मुमकिन नही।


तेरी एक झलक पाने सफा ना टूटे मुमकिन नही,

तेरी खातर हर किताब लाल ना हो मुमकिन नही।


तेरी आँखो की चमक देख जुगनू मर जायें,

तुझे देख तारों का घमंड ना टुटे मुमकिन नही।


तुझे प्यास हो पानी की नदीयां रज़ाकार बन जायें,

तेरे होटों को छुहने खातर पानी ना आये मुमकिन नही।


तेरा उतारा लिबास तेरी खुशबू छोर दे मुमकिन नही,

तेरी खुशबू को दफ़्तर-ए-गुल ना तरसे मुमकिन नही।


By Anjaanehssas



Recent Posts

See All
रहता है।

By Nandlal Kumar इलाही मेरे दिल के दरवाज़े पे तू बेकार रहता है, माफ़ करियो इस घर में मेरा यार रहता है। उस हुस्न पे नज़र ठहरे तो कैसे...

 
 
 
सरहद पर धुआँ-धुआँ-सा ....

By Nandlal Kumar यूँ हाथ दबाकर गुजर जाना आपका मज़ाक तो नहीं, आज तो रूमानियत है कल मेरा दर्दनाक तो नहीं। ये सरहद पर धुआँ-धुआँ-सा क्यों है,...

 
 
 
चाहता हूँ।

By Nandlal Kumar तुमसे ये बात अकेले में कहना चाहता हूँ, ज़ुल्फ़ों  की नर्म छाँओं में रहना चाहता हूँ। आप कह दिए हैं कि मैं बहुत गमगीन रहता...

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page