नज़र आता है
- Hashtag Kalakar
- Dec 19, 2023
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Updated: Dec 22, 2023
By Abhimanyu Bakshi
छत से इक आसमान नज़र आता है,
ख़्वाबों का मैदान नज़र आता है।
मैं आँखें मीचकर जब भी देखता हूँ,
इक अलबेला जहान नज़र आता है।
कभी तसव्वुर सबसे बड़ी ताक़त लगती है,
कभी तसव्वुर में नुक़सान नज़र आता है।
कभी भीतर में भी नज़र नहीं आता,
तो कभी खुद में भगवान नज़र आता है।
जितनी चहल-पहल है इस ज़माने में,
उतना ही ये सुनसान नज़र आता है।
चाहे कोई दिल के कितना ही क़रीब हो,
एक वक़्त पे हर कोई अनजान नज़र आता है।
कितना नादान है हर कोई यहाँ,
कि हर किसी को हर कोई नादान नज़र आता है।
न जाने वो कैसी खुमारी होती है जब,
वाक़ई मुझे इंसान नज़र आता है।।…
By Abhimanyu Bakshi
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