एतबार
- Hashtag Kalakar
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By Bhavya Barai
वो कहता था — “हमेशा साथ रहेंगे।”
और मैं मान भी गया,
जैसे बच्चे मान लेते हैं
पहली कहानी का हर झूठ।
फिर एक दिन,
वो चला गया —
बिना वजह, बिना विदा।
अब जब कोई कहता है “यक़ीन करो,”
मैं मुस्कुरा देता हूँ —
क्योंकि एतबार अब भी है,
बस किसी इंसान पर नहीं।
By Bhavya Barai

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