Dekhte Hai
- Hashtag Kalakar
- Dec 29, 2022
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By Arpit Pokharna
बहुत हुई बातें हवाई, हक़ीक़त में उतर के देखते है, सिमट के देख लिया है, बिखर के देखते है बावजूद इसके कि किल्लत है तुम्हारी एक शाम यूंही, संवर के देखते है
एक अरसा हुआ क़िस्से सुनाए छतों पे गिद्दे डाल, ज़मीं पर पसर के देखते है
उस बात पे आज तक अटका हुआ हूँ
जानें कितने सालों को प्यार के असर पे हैरते है
अभी कुछ दूर और जाएगी ज़िंदगी मेरी
खुली आँखों से ज़रा, मंज़र इस सफ़र के देखते है
By Arpit Pokharna

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