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दर्द

By Dr. Tripti Mittal



दिल का दर्द रात संग गहरा होता रहा

आँखों में रात भर चाँद पिघलता रहा


By Dr. Tripti Mittal



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रहता है।

By Nandlal Kumar इलाही मेरे दिल के दरवाज़े पे तू बेकार रहता है, माफ़ करियो इस घर में मेरा यार रहता है। उस हुस्न पे नज़र ठहरे तो कैसे...

 
 
 
सरहद पर धुआँ-धुआँ-सा ....

By Nandlal Kumar यूँ हाथ दबाकर गुजर जाना आपका मज़ाक तो नहीं, आज तो रूमानियत है कल मेरा दर्दनाक तो नहीं। ये सरहद पर धुआँ-धुआँ-सा क्यों है,...

 
 
 
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