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शेरो शायरी

By Dr. Pradnya Vilas Darade


शेरो शायरी तो बस गयी,

मेरे रुह में इश्क की तरह जनाब,


ये करनी नहीं पडती, मुझसे हो जाती है अपनेआप.....!


प्यार में इन्सान का मिजाज हो जाता है आशिकाना, और


आजकल हमारी रगोमें भी लहू बहता है शायराना.....!


By Dr. Pradnya Vilas Darade

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