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सनम

By Dr. Pradnya Vilas Darade


कितने ही सितम ढाए तुमने, हमपें आजतक,


हमनें भी हसकर झेला, तेरा हर एक वार,


इतना सब करने के बावजूद भी सनम,


तुम हमें ही ठहरातें हो कसूरवार?


By Dr. Pradnya Vilas Darade

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