माँ–पिता
- Hashtag Kalakar
- 4 hours ago
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By Gourav Chandna
माँ–पिता तुम अंग हो मेरे।
बिन तुम्हारे भंग हु मैं ।
अगर माँ क्षण क्षण प्यार करती,
तो पिता हर क्षण डांट लगाते ।।
पर एक बात जो गलत न ठहरेगी,
की माँ–बाप प्यार समान करते।
माँ–बाप प्यार समान करते ।।
माँ–पिता तुम जान हो मेरे,
बिन तुम्हारे क्या हु मैं ।
अगर माँ हर दिन नज़र उतारे,
तो पिता कहे कुछ काम करले।।
दोनों के समझाने का है अपना अपना ढंग,
पर माँ–बाप प्यार समान करते ।
माँ–बाप प्यार समान करते ।।
अगर माँ–पिता साथ दे मुझको,
तो किस बात का डर मुझको।
अगर गलती मै माँ हौंसला देती,
तो पिता डांट से फिर प्यार से समझा देते।।
पर एक बात जो मुझे अच्छी लगती कि ,
माँ–बाप प्यार समान करते ।
माँ–बाप प्यार समान करते ।।
By Gourav Chandna
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