क्यों नहीं मांगता स्वाधीनता
- Hashtag Kalakar
- 4 hours ago
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By Gourav Chandna
काम के इस ज़माने में
अफ़सर को पटाने में
पटाने मै,ये बताने मै,
की मै होनहार हूं ।
काम को पहले खत्म करने की कोशिश में ,
अफ़सर को खुश रखने की कोशिश मै ,
भागता हु,थकता हूँ ,थोड़ी खुशियां त्यागता हु मैं ,
पर अफ़सर अभी भी है गुस्से में ।
कितना ही करूं काम,गलतियों को सुधारू मैं ,
कितना ही भागू,आंखों को थकाऊ मैं ,
कितना ही अफ़सर के आगे गिड़गिड़ाऊ,सफाई पेश करूं मै ,
तब भी अफ़सर मौका ढूंढ लेता है,फटकार लगाने के ।
बस अब ये चीड़ सही नहीं जाती ,
ये तीर कलेजे को गहरा है भेद जाती ,
आंखों से अश्रु बहना चाहे तो भी बह नहीं पाते ,
काम करने की इच्छा भी दिन ब दिन मरती जाती ।
अब तो अफ़सर के नीचे काम करना नहीं चाहता ,
पर मै क्यों नहीं मांगता स्वाधीनता ।।
काम के दबाव में,खुशियों के अभाव में ,
काम करूं,तो भी कुछ हासिल नहीं होता ,
तब भी मैं क्यों नहीं मांगता स्वाधीनता ।।
अब तो यह आंखे भी अफ़सर से मिल नहीं पाती ,
चीख निकलना चाहे ,तो भी निकल नहीं पाती ,
अब तो मैं सफाई भी पेश करना नहीं चाहता ,
तब भी मैं क्यों नहीं मांगता स्वाधीनता ।
अब मैं नहीं मांगता स्वाधीनता ।
अब मैं नहीं मांगता स्वाधीनता ।।
By Gourav Chandna
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