By Dr. Pradnya Vilas Darade शेरो शायरी तो बस गयी, मेरे रुह में इश्क की तरह जनाब, ये करनी नहीं पडती, मुझसे हो जाती है अपनेआप.....! प्यार में इन्सान का मिजाज हो जाता है आशिकाना, और आजकल हमारी रगोमें भी
By Dr. Pradnya Vilas Darade कितने ही सितम ढाए तुमने, हमपें आजतक, हमनें भी हसकर झेला, तेरा हर एक वार, इतना सब करने के बावजूद भी सनम, तुम हमें ही ठहरातें हो कसूरवार? By Dr. Pradnya Vilas Darade
By Dr. Pradnya Vilas Darade मेरी शेरो शायरी के जो लफ्ज है, वो मेरी जिंदगी का साया है, जहाँ गैरोने गहरे जख्म दिए और अपनोनें भी आझमाया है....! कैसे करें शिकवा और किससे करें शिकायत, जब अपनोनें ही दिए दि
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