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Mushaira 5

By Manas Saxena


एक नज़र जो पड़ी उन पर 

मेरा दिल भी शरमाने लगा, 

उसका गुलाबी जोड़ा देखकर 

मैं और भी मुस्कुराने लगा


जैसे चाँदनी ने ओढ़ रखा हो 

सितार-ए-अब्र का चोला, 

मेरा मन भी अंदर ही अंदर 

कहानी बुनने लगा थोड़ा थोड़ा।


मेहंदी की खुशबू से सजा सांवरा आंगन मेरा था 

और जो मजमें में 

सबसे हसीन नजरें आए

वो हसीन नगमा मेरा था।


दुपट्टे से जो मांग सजाए वो 

और उस लम्हे जो दिल धड़क जाए मेरा 

असल में तो वो तेरा था ||


By Manas Saxena


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