हुआ सहरा नहीं है आँखों का दरिया हमारा
- Hashtag Kalakar
- Dec 24, 2023
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Updated: Jan 25, 2024
By Tanya Singh
हुआ सहरा नहीं है आँखों का दरिया हमारा
किसी भी शे'र में आँसू नहीं सिमटा हमारा
अंगूठी घास की पहनाई थी हमने किसी को
अभी तक ज़ेहन से टूटा न वो रिश्ता हमारा
अभी भी दर्द उठता रहता है सीने में कुछ कुछ
किसी ने खोलकर देखा नहीं टाँका हमारा
लगी है खोंच क़ुव्वत की पड़ी तुरपाइयों पर
कि खुलता जा रहा है अब वो इक धागा हमारा
हदें नाक़ाम होने की न पूछो ज़िन्दगी में
हमेशा खुल गया पंखे से ही फंदा हमारा
किसी भी काम अब आता नहीं है दर्द शायद
तजुर्बे से हुआ ये दर्द भी बूढ़ा हमारा
जो जीते-जी नहीं रख पा रहे खुश बाद में वो
नहीं भूलेंगे फ़ोटो कमरे में रखना हमारा
By Tanya Singh
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