हौले हौले (Haule Haule)
- Hashtag Kalakar
- Nov 5, 2022
- 1 min read
Updated: Nov 26, 2022
By Amit Sharwa
ख़ाली है,
ख़यालों की तिजोरियां,
मन की दुकानों पर भी ताला लगा
थम गई,
सवालों की लड़ाइयां,
उलझन ने सुलझन का है प्याला भरा
आके मेरे पास फ़रिश्ता,
उसके हिस्से की,
बातें रहा बड़बड़ा
इश्क़ की खुमारीओं का,
बढ़ता पारा,
हे मेरे सर चढ़ा
हौले हौले रे,
लागे है भागे सब हौले दौड़े रे
तेरी ये शिकायतें भी,
लागे कोई मैना है गा रही
हौले हौले रे,
लागे है भागे सब हौले दौड़े रे
पलकें जब टिमटिमाये,
लागे तेरा नाम है जप रही
साँझ ये,
लबों पे तेरे ढल गई,
गालों पे चाँद धीमे से चढ़ने लगा
रैन ये,
लटों में तेरे रल गयी,
स्याही का रंग भी उतरने लगा
सारे गुलों की महक को,
उसके बदन ने,
लि खुदपे रमा
खफा वो महताब है के,
तेरे मुखड़े,
ने है नूर ठगा
हौले हौले रे,
लागे है भागे सब हौले दौड़े रे
तेरी ये शिकायतें भी,
लागे कोई मैना है गा रही
हौले हौले रे,
लागे है भागे सब हौले दौड़े रे
पलकें जब टिमटिमाये,
लागे तेरा नाम है जप रही
By Amit Sharwa

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