top of page

शिवोहम्

By Anurag Shukla


सत्यम शिवम सुंदरम : सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर है। शुभ ही शिव हैं, शिव कालातीत हैं, शिव इस पूरे ब्रह्मांड के अस्तित्व का प्रतीक एवम आधार हैं। शिव अंत भी है और शुरुआत भी हैं, शिव सीमित का नाश करके असीम में प्रवेश कराते हैं, शिव कामनाओं से परे हैं, शिव न भौतिक हैं और न ही कामनाओं की पूर्तिकर्ता हैं।

शिव कल्पनातीत से परे हैं, शिव अचिंत्य हैं, ब्रह्म ही शिव है, आत्मस्थ हो जाना ही शिवत्व है, शिव उच्चतम चेतना के शिखर का प्रतीक हैं, जहां बोध है वहां शिवत्व है, शिव निर्विचार हैं, निर्विकल्प हैं।



शिव अनंत हैं, जिनका निरूपण नहीं किया जा सकता, शिव मौन हैं, शिव मूर्त भी हैं और अमूर्त भी हैं, शिव मुक्ति मार्ग का माध्यम और प्रतीक दोनों भी हैं और जो तुम न हो वो ही शिव है। शिव इस जगत के लिए कल्याणकारी हैं। ऐसी विराट, असीम चेतना को कोटि कोटि प्रणाम। ओम नमः शिवाय।


By Anurag Shukla




Recent Posts

See All
बलात्कार रोकने की चुनौतियाँ

By Nandlal Kumar बलात्कार रोकने की चुनौतियाँ अगर मैं अपनी बात बिना किसी भूमिका के शुरू करूँ तो कहना चाहूँगा कि  ये मामला खुली बहस का है। ...

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page