By Tusharika
" उठो जागो और तब तक ना रुको जब तक अपने लक्ष्य को ना हासिल कर लो।"
उपरोक्त उक्ति कथा उपनिषद से ली गई है जो हर समय शिक्षा से संबंध रखने वाले व्यक्तियों के लक्ष्य को चरितार्थ करती है।
समकालीन व्यवस्था शिक्षक के समक्ष नई चुनौतियां लेकर आई है- दिन प्रतिदिन विकसित होता विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षण प्रणालियां प्रणालियां, अनुसंधान, करो ना कॉल में बदलती दिनचर्या कोरोना काल में बदलती दिनचर्या, वैश्विक स्तर पर शिक्षा एवं संबंधित क्षेत्रों का बढ़ता क्षेत्रफल; शिक्षकों के लिए- " व्यवसायिक विकास - एक आवश्यकता" बन चुका है।
समाधान के रूप में - चुनौतियों का सामना करना ही एकमात्र समाधान है जिससे प्रत्येक पटल पर विकास एवं प्रत्येक अवसर का सदुपयोग कर हम व्यवसायिक विकास के मार्ग पर अग्रसर हो सकते हैं।
शिक्षक साथियों को स्वयं को सदैव एक विद्यार्थी के रूप में मानना चाहिए ताकि प्रत्येक चुनौतियों का लाभ उठा करसदैव एक विद्यार्थी के रूप में मानना चाहिए ताकि प्रत्येक चुनौतियों का लाभ उठाकर हम कुछ नया सीख अपने कौशलों का विकास करेंं।
भारतवर्ष में NCERT, NCTE आदि संस्थाएं समकालीन विषयों पर शिक्षक साथियों का ज्ञान वर्धन करती हैं। यदि दिल्ली प्रदेश की बात करें तो RELO, SCERT,DIET, CHALKLIT आदि संस्थाएं शिक्षकों को IN SERVICE प्रशिक्षण दे रही हैं ।
उपरोक्त प्रकरण में महत्वपूर्ण है शिक्षक साथियों का विद्यार्थी के रूप में ज्ञान ग्रहण करने की मीमांसा, शिक्षकों को चाहिए कि वह सौहाद्र इन गोष्ठियों में प्रतिभागी बन प्रत्येक अक्षर का लाभ उठाएं।
अंतर विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया हेतु संगोष्ठी में प्रतिभा गीता अनिवार्य है अतः शिक्षक साथियों को प्रत्येक अवसर का पूर्ण लाभ लेना चाहिए।
व्यवसायिक विकास ग्रहण करने के कई स्त्रोत हो सकते सकते जैसे-
(१) साहित्य- शिक्षक शिक्षण, शिक्षण प्रक्रिया संबंधित साहित्य शिक्षक वर्ग को मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकता है। शिक्षक साथियों की ऋचाएं कई अनकही समस्याओं को स्वत: ही हल प्रदान कर सकती है।
(२) उच्च शिक्षा- नए परिदृश्य की स्थापना हेतु उच्च शिक्षा सदैव प्रेरक रही है। नएशैक्षणिक प्रावधानों को सीखने का सबसे उपयुक्त साधन है।
(३) उच्चाधिकारियों द्वारा समालोकन भी विकास में महत्वपूर्ण है। अधिक अनुभवी व्यक्ति के अनुभव द्वारा भी अपनी शिक्षण संबंधी चुनौतियों को जीता जा सकता है।
(४) इंटरनेट - अरबों की संख्या में इकाई योजना, पाठ योजना; विभिन्न देशों, राज्योंके शिक्षकों द्वारा कौशलों का ज्ञान एक अच्छा संसाधन माना जा सकता है।
(५) शिक्षक - शिक्षक अनुभव - प्रत्येक शिक्षक अपने कार्यकाल में अनेक चुनौतियों , अनुभवों की तिजोरी भरता है। हर परिपेक्ष में उसके पास अनेक विकल्प उपस्थित होते हैं। अत: अपने सहकर्मियों एवं शिक्षक समाज से विकास प्राप्ति के अनेक अवसर प्राप्त कर सकता है।
(६) पत्रकारिता- पत्रकारिता के माध्यम से संबंधित अनेक विषयों पर बृहत् ज्ञान उपलब्ध है।ब्लॉग लेखन द्वारा विश्व के किसी भी कोने से ज्ञान अर्जित किया जा सकता है।
इसीलिए तब तक मत रुको जब तक चुनौतियां समक्ष है। उपलब्ध साधनों का अधिकाधिक प्रयोग करो। प्रत्येक क्षेत्र में उपलब्धि के अनेकों मार्ग प्रशस्त हैं। मार्ग पर चलने का कार्य ही शेष रह जाता है। अत: सदैव प्रयासरत रहते हुए छात्रों के हित में प्रत्येक कार्य करें।
By Tusharika