लिखूं तो क्यों
- Hashtag Kalakar
- Aug 31, 2023
- 2 min read
Updated: Aug 28
By Hemu Vikramaditya
यूँ तो मैं किसी के लिए कुछ नही लिखता हाँ किसी कारण से जरूर लिखता हूँ लेकिन कभी किसी के लिए कुछ लिखना चाहिए " कलम मे स्याही" का काम करता है।
प्रेम मेरा विषय नही यह सभी कहते हैं लेकिन यकीन मानिए बिना विषय के व्याख्या करने का अपना अलग ही आंनद है।
कभी किसी ट्रिप पर गए हैं ऐसी ट्रिप जिसके रास्ते का आपको कुछ नही पता प्रेम मेरे लिए कुछ ऐसी ही ट्रिप है और तुम ट्रिप का वो रास्ता जिसका मुझे कुछ नही पता और कैसे पता चलेगा ये भी नही पता ।
प्रेम मेरा विषय नही लेकिन फिर भी तुम से हो गया, जी हाँ ! हो गया, ये ही कहूंगा।
क्योंकि अगर ये कहूँ की, "किया है" तो "तो क्यों किया है इस प्रश्न का उत्तर मुझे भी नही पता । "
कोई बात ऐसी होती है जिसको आप हमेशा सोचते हैं कि काश ये ना हुआ होता तो ये हो जाता" मेरे पास तुम्हारे विषय मे ऐसे "बहुत सारे काश" हैं।
बचपन से मेरी एक आदत है जिद की और उस जिद को पूरा करने के लिए मैं कोई भी जिद करता हूँ वो इसलिए कि मेरे जीवन मे "काश" ना आये।
मुझे नही पता तुम मे क्या अच्छा है क्या बुरा है और ना ही
मेरी पसंद मे मैंने कभी यह देखा । मुझे नही पता कि किसी मे क्या अच्छा देखना होता है क्या बुरा। बस पता है तो यह कि मैं तुम्हे अपनी जीवन का "काश" नही बनने देना चाहता।
इस मल्टीप्ल चॉइस वाली दुनिया मे लगभग सभी "ऑप्शन D(Above All)" ऑप्शन को चुनते हैं लेकिन मैं आज भी "डिस्क्रिप्टिव आंसवर" देना पसन्द करता हूँ।
मुझे कभी ऑप्शन क्रिएट करने का शोंक नही रहा क्योंकि ऑप्शन के साथ आप कोम्प्रोमाईज़ करते हैं और कोम्प्रोमाईज़ करना मेरे "रूल बुक" मे नही है।
प्रेम कीजिये मन से कीजिये मल्टीप्ल को छोड़ये डिस्क्रिप्टिव हो जाइए यकीन मानिए नम्बर ज्यादा ही मिलेंगे।
बाकी और भी लिख सकता हूँ पर अब सोने का समय है। बाकी फिर कभी......
और हाँ " अपनी कलम को किसी स्याही " का मोहताज मत बनाइये।
आज क्यों लिखा ...
क्योंकि कल नही लिखा था।।..
By Hemu Vikramaditya

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