लहरें
- Hashtag Kalakar
- Apr 12, 2023
- 1 min read
By Sakshi Kumar
ना जाने कब लहरें मेरी हुईं,
इन में अपनापन सा लगता है,
कुछ अजीब सा रिश्ता लगता है,
ना जाने कब लहरें मेरी हुईं।
है तो केवल पानी ही,
पर मन को बड़ा सुन्दर लगता है,
कुछ अजीब सा रिश्ता लगता है,
ना जाने कब लहरें मेरी हुईं।
एक सुकून सा लगता है,
एक गहरा सा बंधन लगता है,
ना जाने कब लहरें मेरी हुईं।
By Sakshi Kumar

Comments