रे बंदेया
- Hashtag Kalakar
- Nov 7, 2022
- 1 min read
By Aarzoo Goel
राम नाम ही पार करेगा, उठ नित ध्यान लगा
राम नाम ही पार करेगा, उठ नित ध्यान लगा
आलस को त्याग कर, चैतन्य को जगा
रे बंदेया चैतन्य को जगा ॥
क़हत दया बात पते की, सुन रे तू अज्ञान
क़हत दया बात पते की, सुन रे तू अज्ञान
जगत् में वृहत् रहेगा सदा, कन्या से शिक्षा का दान
कन्या से शिक्षा का दान ॥
भिक्षु माँगे शीतल जल, खड़ा आँगन में होय
भिक्षु माँगे शीतल जल, खड़ा आँगन में होय
संतुष्ट करे जो तन-मन, सो तू कान्हा होय
रे बंदेया सो तू कान्हा होय ॥
धीरज, ज्ञान, प्रेम, न्याय, समर्पण, धर्म के पाँच आधार
धीरज, ज्ञान, प्रेम, न्याय, समर्पण, धर्म के पाँच आधार
चालें जो इस पंथ पर सदा, करे जगत् उद्धार
रे बंदेया करे जगत् उद्धार ॥
कन्या को दुत्कार कर, रुचिर नियती भी सोय
कन्या को दुत्कार कर, रुचिर नियती भी सोय
दान-पुण हज़ार करे, कुमार ना पैदा होय
रे बंदेया कुमार ना पैदा होय ॥
एक प्याला प्रेम का, पियो सो होय पूर
एक प्याला प्रेम का, पियो सो होय पूर
रोम-रोम में राम बसे, रोग रहे अतिदुर
रे बंदेया रोग रहे अतिदुर ॥
ज्ञान दीप गुरू ऐसा दिजीए, मिट जाए अंधियार
ज्ञान दीप गुरू ऐसा दिजीए, मिट जाए अंधियार
काया भले ही ढल जाए, भीतर रहे उजियार
रे बंदेया भीतर रहे उजियार ॥
By Aarzoo Goel

Comments