मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना
- Hashtag Kalakar
- Mar 9, 2023
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By Tarun Gupta
मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना ,
एक बार नहीं सौ बार नहीं हर बार अकीदा कर लेना ।
शब्दों को तो कोई भी पढ़ ले तुम खामोशी मेरी पढ़ लेना ,
मेरी खामोशी में छुपी बेइंतहा मोहब्बत पढ़ लेना ,
मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना ।
सुनो जब कभी गुस्से में हूं तो शब्दों पर मत जाना ,
शब्द तो अंदाज ए बयां और परिस्थिति के मोहताज होते हैं ,
तुम मेरी खामोश निगाहों की नजर पढ़ लेना ।
धड़कनों पर ऐतबार मत करना ये तो चलेंगी तेज मुश्किलों में ,
तुम उन मुश्किलों में तुम्हारी तरफ बढ़ते , लेकिन ना दिखते कदम पढ़ लेना ,
मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना ।
वक्त आएगा जरूर ऐसा हम नाराज होंगे एक दूसरे से , तुम मेरी नाराजगी में छुपा मेरा प्यार पढ़ लेना ,
गर दिखने लगे अंधेरे तुम्हें जीवन में तुम हौसला मत खोना ,
मेरी तरफ देखना मैं बनूंगी, पथ प्रदर्शक तुम्हारी , तुम मुझ में , रास्ता पढ़ लेना
मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना ।
कुछ छोटी-छोटी बातों पर हम , चुप्पी भी साधेगें और एक दूसरे के विचारों से असंतुष्ट रात , पूरब पश्चिम में काटेंगे ,
तुम देखो सोच गहरी ना करना मेरे चुपके से गिरते आंसू पढ़ लेना ,
करते हो मोहब्बत मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना ।
वक्त की रेत में वह वक्त भी आएगा जब शोर खुद ऊब जाएगा अंदर के शोर से ,
तुम देखो अकेला ना करना थामना मेरा हाथ और थोड़ा सब्र कर लेना ,
मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना ।
हम उस मोड़ से भी गुजरेंगे , कुछ परिस्थितियां ऐसी होंगी थोड़ा मैं , थोड़ा तुम और थोड़ा हमारे अपने बदलेंगे ,
परख होगी हमारे साथ की, एक दूजे के विश्वास की ,
तुम देखो धीरज मत होना मेरे साथ खड़े रहना और फेरों के, तीसरे वचन का पालन कर लेना ।
मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना ।
सुनो कुछ ऐसा भी हो सकता है , यह धरती साक्षी माता सीता की ,
यहाँ कौन किसे रोक सकता है , कुछ तोहमद कुछ किस्से कोई , कुछ भी , गढ़ सकता है बीज तुम्हारे मन में घर शक का कर सकता है ।
देखो तुम विचलित मत होना , आंगन में दिल के अपने एक दीप जलाए रखना
कटाक्ष मिथ्या आरोपों को, खूंटे से टांग के रखना
पराई सोच संकुचित को सरहद के पार ही रखना और यूं ही मेरे दिल में अपना वर्चस्व बनाए रखना ।
मोहब्बत करते हो मुझसे तो भरोसा मुझ पर कर लेना एक बार नहीं सौ बार नहीं हर बार अकीदा कर देना ।।
By Tarun Gupta

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