बुढ़ापे की तन्हाई
- Hashtag Kalakar
- Jan 14
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By Shikha Kumari
चमकती थीं आंखें तुझे देखकर,
वही आंखें तुझे खोजती अब…….
पता है तू नहीं है,😔😔😔
पता है तू नहीं है,😔😔😔
फिर भी नाम तेरा पुकारे मेरे लब।
“तुम साथ थीं तो, कल के ख्वाब बुनता था…
तुम नहीं हो, तो आज भी ठहरा सा है। 💔”
“तुम साथ थी तो, जिंदगी को चुनता था,
तुम नहीं हो, तो मौत पर भी पहरा है।”
पता है तू नहीं है, 😔😔😔
पता है तू नहीं है,😔😔😔
फिर भी तेरे ख्यालों में जिंदगी है।❤️❤️❤️
“तुम थी तो… खूब बहकता था मैं और खूब इतराता,
तुम नहीं हो ना… तो अब खुद का साया भी मुझे नहीं भाता।”
धूप में भी यह दिल, तेरा साया खोजे,
रहते हुए तन्हाइयों में, तेरा प्यार याद आए।
पता है तू नहीं है,😔😔😔
पता है तू नहीं है,😔😔😔
फिर भी तुझे चाहे दिल, तुझे चाहे।❤️❤️❤️❤️
By Shikha Kumari

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