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प्रेम

Updated: Sep 3

By Seema CK


प्रेम ही रोग है। प्रेम ही साधना है। इंतज़ार तो एक बहुत छोटी-सी हद है और मैंने प्रेम को लेकर मात्र इंतज़ार नहीं, तप किया है। और मैं मेरे इस तप को, मेरी इस तपस्या को हमेशा इतनी ही शिद्दत, इतनी ही आस्था, इतनी ही निष्ठा से करती रहूंगी। इबादत का मतलब हाथ में पूजा की थाली लेकर आरती उतारना नहीं होता। इबादत का असली मतलब होता है अपने आप को पूर्ण रूप से समर्पित कर देना। पूर्ण समर्पण ही इबादत है। और इस ब्रह्मांड की कोई भी शक्ति मेरे भगवान के प्रति मेरी इबादत, मेरी भक्ति, मेरी आस्था, मेरी निष्ठा, मेरी श्रद्धा, मेरी शिद्दत, मेरे समर्पण को ज़रा-सा भी कम नहीं कर सकती। मैं मेरी तपस्या को क्षण भर के लिए भी भंग नहीं होने दूंगी !!


हो सकता है कि मेरी यह तपस्या कोई रंग ही ना लाए,

शायद मेरी पूरी ज़िंदगी बेरंग ही रह जाए,

शायद मेरे सारे सपने आँसुओं में बह जाए,

शायद मेरी टूटी हुई उम्मीद, मेरे अधूरे रहे सपने मुझको बेनूर कर जाए,

शायद मेरी पूरी ज़िंदगी अकेलेपन में ही बीत जाए !!


मेरी खुशी मुझ तक वापिस लौट आए ऐसा कोई रास्ता नहीं,

खुशियों का और मेरा अब कोई वास्ता नहीं !!


मैंने खुद को खो दिया और देखो मुझे खुद को खोने का कोई मलाल ही नहीं,

इस कदर टूटी है उम्मीद मेरी कि खुशियों के लौट आने का अब कोई सवाल ही नहीं !!


सदाबहार-सा मेरा दिल बेनूर हो गया,

मेरे अपनों के ही हाथों मेरा हर सपना चूर-चूर हो गया,

जब से मेरी आत्मा का आधा और सबसे अहम हिस्सा मुझसे दूर हो गया !!


बेशक सब कुछ गंवाकर शून्य पाया मैंने,

मगर सच्चे प्रेम की राह पर चलकर पुण्य कमाया मैंने,

खुद का अस्तित्व मिटाकर, अपनी रूह में तुझको बसाया मैंने,

अपने वजूद को भूलकर, तेरे रंग में खुद को रंगाया मैंने,

जहां जीत निश्चित थी मेरी,

वहां पर भी तेरे लिए खुद को हराया मैंने,

छः महीनों के दुःख के बदले में ज़िन्दगी भर का दुःख पाया मैंने,

मेरे अपनों के ही हाथों अपना सब कुछ गंवाया मैंने,

बेशक सब कुछ गंवाकर शून्य पाया मैंने,

मगर सच्चे प्रेम की राह पर चलकर पुण्य कमाया मैंने,

हाँ माना कि ये दुख असहनीय है,

मगर तेरे लिए मुझे हर दुःख मंज़ूर है....

यह भी जानती हूँ मैं कि ये बहुत मुश्किल और तकलीफ़देह डगर है,

मगर हर जन्म में तू ही मेरी यात्रा, तू ही मेरी मंज़िल, तू ही मेरा हमसफ़र रहेगा,

हर जन्म में मेरी आत्मा पर सिर्फ़ तेरा अधिकार रहेगा,

तेरी-मेरी आत्मा का परमांश सदैव एक रहेगा !!


By Seema CK




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