प्यारा पप्पू
- Hashtag Kalakar
- Oct 18
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By Dr. Hari Mohan Saxena
घर का राजदुलारा पप्पू
सबके मन को भाता पप्पू,
पापा का मन बहलाता था
मम्मी का राजा बेटा था।
अपनी बाल सुलभ क्रीड़ा से
सब का ही मन हर्षाता था।
तुतलाकर जब बातें करता
बात पते की तब वो करता।
खेल खिलौने उसको भाते
सब बच्चे मिल उसे खिलाते,
रिश्तेदार, पड़ौसी सारे
उसे देखकर खुश हो जाते।
ताऊ गोद में लिए घुमाते
साइकिल पर भी सैर कराते,
ताई उसपर प्यार लुटातीं
चाची टॉफ़ी उसे खिलातीं।
दादा जी की उँगली थामे
पप्पू जाता उन्हें घुमाने,
रोज बाग़ में दोनों जाते
खुश होकर वापस घर आते।
पप्पू घर में था इकलौता
पाकर प्यार बहुत खुश होता,
उससे घर में रौनक़ होती
चहल पहल सी हरदम रहती।
घर में जो भी मिलने आते
किलकारी सुन हर्षित होते,
पप्पू की पप्पी पाने को
एक नया तोहफा ले आते।
By Dr. Hari Mohan Saxena

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