पशुचिकित्सक
- Hashtag Kalakar
- Oct 18
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By Dr. Hari Mohan Saxena
पशु स्वास्थ्य की रक्षा करता
कृषक सखा इक पशुचिकित्सक,
अर्थव्यवस्था को बल देता
देश का सेवक, पशुचिकित्सक।
जन स्वास्थ्य का प्रहरी सच्चा
पशु, मनुष्य में भेद न करता,
वन्य जीव संजीवनी देता
जल, थल, नभ नहीं रहा अछूता।
कठिन रोग की जाँच का माहिर
बचें नहीं कीटाणु शातिर,
परजीवी से पशु बचाए
कर्क रोग तक से लड़ जाए।
रोग से बचने का टीका दे
विकट संक्रमण से लोहा ले,
महामारी को दूर भगाकर
मानव, पशु की जान बचा दे।
गाय, भैंस हो भेड़ या बकरी
सबकी नब्ज़ उसी ने पकड़ी,
कुत्ता, बिल्ली, ऊंट या घोड़ा
सभी संभाले, एक न छोड़ा।
अपच, कब्ज़ हो, या ज्वर, खाँसी
सभी ठीक कर हरे उदासी,
लँगड़ा घोड़ा, घायल गय्या
चँगा करदे डॉक्टर भैय्या।
सूखी गाय दूध उतरा दे
अर्ध रात्रि बछड़ा जनवा दे,
हाथी की हड्डी जुड़वा दे
लँगड़ा कुत्ता फिर दौड़ा दे।
घायल पशु को देता मरहम
फूले आँत, लगाता तिकड़म,
गाय निगलती अगड़म बगड़म
ऑपरेशन कर, देता जीवन।
जग में जैव विविधता भारी
रोग अनेक, समस्या न्यारी,
सबकी जाँच, चिकित्सा सारी
पशुचिकित्सक की बलिहारी।
मुर्गी, बतख, मोर, कबूतर
देखभाल करे सबकी बेहतर,
मध्य रात्रि या भरी दो पहर
हर पल सेवा को है तत्पर।
कृषक और पशुपालक आते
उसकी सदा सहायता पाते,
पूरा गाँव धन्य हो जाता
जब भी पशुचिकित्सक आता।
By Dr. Hari Mohan Saxena

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