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नारी – आज और कल

Updated: Dec 5, 2022

By Pratibha Shukla





नमस्कार | मेरे प्यारे साथियों|


आज और कल की नारी मेंने देखी है| आपनी मााँ,दादी, नानी और आज की बाहूबेटीया में देख

रही हूाँ| परन्तुक्या समाज कक नज़रों में नारी का महत्त्व जो पहले 80 वर्ष िा वो आज भी

कायम है? कहने को हमारा देश और समाज नारी शक्क्त को उत्साहहत करता है। परंतुआज भी

उस नारी का वो ही अक्स्तत्व हैजो पहले िा।जो पहले िा उससे कहीं ज्यादा नारी का स्तर थिर

चुका है। पहले नारी को माता ,बहन ,बटी के नाम से संबोथित ककया जाता िा।लेककन आज इन

ररश्तों का महत्त्व नहीं रह िया है।आज की नारी अपनी सोच , अपनी लिन , मेहनत, शक्क्त

और हहम्मत की वजह से हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है। हर क्जम्मेदाररयां को ननभा रही

हैं । घर की बाहर की ओर बच्चो की। लोि कहते है की नारी को समाज ने आिे बढ़ने का

मौका हदया हैतो ये बात िलत है। अिर ऐसा हो तो हर नारी के साि जो हो दर्वुयषवहार हो

रहा है, वो जल रही है, मेट है ,आबरू लूट रही है, क्यों? जो समाज उसका अक्स्तत्व भी नहीं

रहने दे रहा, वह समाज दावा करता है कक नारी को परुुर्ों जैसा ही सम्मान ममलेिा ।

दनुनया कहती हैंकक कोई भेदभाव नहीं है बेटा और और बेटी मैं, लेककन यह िलत हे। हर स्िान

पर नारी को नीचा हदखाया िया है और हदखाया जा रहा है क्योंकक यह समाज पुरुर् प्रिान है।





और ये आजकल के लोिों के र्वयवहार ओर आचरन से साबबत भी हो रहा हे। ऑकिसों में, बसों

में, घरो में ओर सड़कों पे उसे एहसास हदलाया जाता हैही तुम एक स्त्री हो। तुम स्वतंत्र नहीं

हो। क्जस हदन नारी को पुरुर् जैसी सारी खूबबयााँममलेंिी उस हदन मैंसमझूंिी की आज बटे ा-

बेटी एक समान हैं। उस हदन हम समझेंिे की आज नारी को सवष सम्मान ममल रहा है।

लेककन मैंएक मााँहूाँ, बेहटयों का ददष जानती हूाँसमाज कभी नहीं बदलेिा न समाज की कुरता

बदलेिी। ये मसिष ककताबों ,अखबारों और भार्णों तक ही रहेिा। क्योंकक हमारा देश पुरुर् प्रिान

देश हैंऔर आने वाले कई वर्ों तक रहेिा।


नमस्कार।


By Pratibha Shukla




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