नादान शायर
- Hashtag Kalakar
- 2 hours ago
- 1 min read
By Dr.Monis Rizwan
ना जाने लोग मुझे
शायर क्यों कहते हैं?
आम ही इंसान हूँ
हाँ, थोड़ा नादान हूँ
शायद इसी लिए जज़्बात छुपाने के रिवाज़
बचकाने से लगते हैं
मुख़्तसर में एहसासात बयां करता हूँ
फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है
मेरे अश्क़ आँखों के बजाय क़लम से बहते हैं
By Dr.Monis Rizwan

Comments