तलाश बस खुद की
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तलाश बस खुद की

By priya Jain


तलाश बस खुद की……

मेरा है मुझसे बस्ता, हर तकलीफ में हौसला रखती हूं, आदतें कुछ अजीब है जिसमें मैं खोई रहती हूं,।।

सबसे प्यारा इंसान मुझे हर दिन आईने में मिलता है, ख्वाइशें कम है इसलिए सबसे अलग मेरी कोशिश है,।।

जब कभी खुद को पता होता है कि मैं सही हूं, बस किसी के सामने जताने का शौक नहीं रखती हूं,।।





खुद को मैंने महसूस किया कुछ इस तरीके से,। अलग ही रहेगी जिंदगी हर वक्त भरी खुशियां से,।।

हम दिखते अकेले लेकिन खुद के साथ चले चलते हैं, रहे कभी भी नाराज तो यूं ही मुस्कुराया करते हैं,।।

मंजिल से राह तक का सफ़र सुहाना कुछ रुका सा है, तलाश कभी खत्म नहीं होगी हम खुद को ही ढूंढते रहते है,।।



By priya Jain



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