डूबता सूरज
- Hashtag Kalakar
- Dec 25, 2023
- 2 min read
Updated: Feb 2, 2024
By Swati Sharma 'Bhumika'
“भूमिका” अपने माता-पिता के साथ अपने दादा-दादी से मिलने
उनके गाँव गई | वह बहुत खुश थी, क्योंकि उसके दादा-दादी उसे ढेर
सारी कहानियाँ सुनाने वाले थे | भूमिका को कहानियाँ सुनना बहुत
पसंद था | वह जब भी अपने दादा-दादी या नाना-नानी के घर जाती,
उनसे तरह-तरह कि कहानियाँ सुनती एवं घर आकर अपने मित्रों को भी
सुनाती |
दादाजी एक छोटा-सा थैला उनके कंधे पर टांगे कहीं जा रहे थे |
परन्तु, भूमिका की अवाज़ सुनकर रुक गए | भूमिका ने अपने माता-
पिता के साथ अपने दादा-दादी के चरण-स्पर्श किये और उनका
आशीर्वाद लिया एवं उनके साथ चलने का आग्रह किया | दादाजी उसे
उनके साथ, उनके खेत में ले गए |
भूमिका को हरे-भरे खेत बड़े प्यारे लगते थे | वह जब भी गाँव
आती, अपने दादाजी के साथ अक्सर वहां जाती | खेत पर पहुंचकर
दादाजी और भूमिका ने ढेर सारी बातें की | जब शाम हुई तो भूमिका ने
दादाजी से घर चलने को कहा | दादाजी सूरज की ओर देखते हुए
मुस्कुरा रहे थे एवं किसी सोच में डूबे हुए थे |
भूमिका ने बड़े प्यार से उनसे पूछा- “दादाजी, आप डूबते हुए
सूरज को देखकर इतना क्यों मुस्कुरा रहे हें ? इतने में भूमिका के
पिताजी भी वहां पर आ चुके थे | अतः भूमिका की बात सुनकर उन्होंने
भी यही प्रश्न किया, बोले- “भूमिका ठीक कह रही है बाऊजी, डूबता
सूरज तो असफलता का प्रतीक होता है ना ?”
दादाजी ने अपने पुत्र एवं पौत्री की ओर देखा एवं मुस्कुराकर
बोले- “हाँ बेटा, तुमने एकदम सही कहा | परन्तु, क्या तुमने कभी यह
सोचा है कि डूबता सूरज उगते हुए सूरज की तुलना में और भी अधिक
सुंदर क्यों दिखाई देता है ?” भूमिका के पिताजी बोले- “आप ही बतायें
पिताजी मैं इसके पीछे छुपे कारण को जानने हेतु बहुत उत्सुक हूँ |”
दादाजी ने पुनः सूरज की ओर मुख किया और कहा- “जब सूरज
उगता है, वह अपने कार्य को करने हेतु बहुत तत्पर होता है | सूरज का
कार्य है जन-जीवन को ऊर्जा एवं प्रकाश प्रदान करना | जब दिनभर वह
अपने कर्म सफलतापूर्वक संपन्न कर देता है, तब जाते-जाते वह अत्यधिक
सूकून में होता है | यही सूकून एवं शीतलता से परिपूर्ण शांति उसे और
भी अधिक सुंदर बना देती है | हाँ, यह सत्य है कि उगते हुए सूरज की
तुलना में डूबते हुए सूरज में चमक कम हो जाती है | परन्तु, उसका
सफलतापूर्वक किया हुआ कृत्य उसे चमकहीन होने के पश्चात् भी
सुन्दरता प्रदान करता है | इस प्रक्रिया से हमें यह शिक्षा मिलती है कि
नित्य सुबह उठकर अपना कर्म सच्ची लगन के साथ संपन्न करना चाहिए
| क्योंकि उससे मिला हुआ संतोष हमें और भी अधिक सुंदर बना देता है|”
दादाजी से मिले ज्ञान से प्रेरणा लेकर दोनों पिता-पुत्री ने उनके
साथ घर की ओर प्रस्थान किया |
By Swati Sharma 'Bhumika'

Comments