जूठ और नफरत की ताकत
- Hashtag Kalakar
- Sep 6, 2023
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Updated: Aug 21
By Mogal Jilani
नफ़रत ही नफ़रत की तेज आंधी चल रही थी
झूठ का तूफान उठा था
इस बीच किसी कोने में
गुमनाम एक शख़्स
हक़ की कलम लिए
सच की सियाही को
हक़ीक़त के कागज पर
उतारने की अफजल इबादत कर रहा था
मगर उतने में झूठ का सैलाब वहां तक जा पहुंचा
और जोर से झूठ के छींटे सच की सियाही से भरे उस कागज पर उड़ाए।
और फिर नफरत के तूफान ने उसे बदनाम कर दिया।
ऐसे में वहा से गुजरते एक ईमानदार दिल ने झूठ के छींटो से भरे उस कागज पर लिक्खे सच को दिखाने की कोशिश करने लगा,
के एसे में झूठ के उस सैलाब के जोर में वह बहगाया और डूबने लगा ।
जूठ के सैलाब में डूबते हुवे ईमानदार दिल ने बचने की खुब कोशिश की मगर आखिर कार झूठ के उस ताक़त भरे सैलाब से वे भी झूठ की कुछ घूंट पी गया।
और फिर सब ने मिल कर सच को बदनाम कर दिया
और सच को झूठ और झूठ को सच साबित कर दिया।
By Mogal Jilani

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