top of page

जूठ और नफरत की ताकत

Updated: Aug 21

By Mogal Jilani


नफ़रत ही नफ़रत की तेज आंधी चल रही थी

झूठ का तूफान उठा था

इस बीच किसी कोने में

गुमनाम एक शख़्स

हक़ की कलम लिए

सच की सियाही को

हक़ीक़त के कागज पर

उतारने की अफजल इबादत कर रहा था


मगर उतने में झूठ का सैलाब वहां तक जा पहुंचा

और जोर से झूठ के छींटे सच की सियाही से भरे उस कागज पर उड़ाए।

और फिर नफरत के तूफान ने उसे बदनाम कर दिया।


ऐसे में वहा से गुजरते एक ईमानदार दिल ने झूठ के छींटो से भरे उस कागज पर लिक्खे सच को दिखाने की कोशिश करने लगा,

के एसे में झूठ के उस सैलाब के जोर में वह बहगाया और डूबने लगा ।


जूठ के सैलाब में डूबते हुवे ईमानदार दिल ने बचने की खुब कोशिश की मगर आखिर कार झूठ के उस ताक़त भरे सैलाब से वे भी झूठ की कुछ घूंट पी गया।

और फिर सब ने मिल कर सच को बदनाम कर दिया

और सच को झूठ और झूठ को सच साबित कर दिया।


By Mogal Jilani



Recent Posts

See All
The Crooked Smile

By Aatreyee Chakrabarty It was night. The sky was choked with black clouds giving the atmosphere an eerie, almost apocalyptic touch as if...

 
 
 
लॉक डाउन

By Deepak Kulshrestha मैं और असलम दोनों ही इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ पढ़ते थे, वहीं हमारी  दोस्ती हुई और परवान चढ़ी. वो पाँच वक़्त का नमाज़ी...

 
 
 
अधूरी कहानी - इंतज़ार

By Deepak Kulshrestha आज पूरे 25 साल बाद देखा था उसे, यहीं कोविड वार्ड में. मेरी ड्यूटी यहीं इस सुदूर ग्रामीण अंचल के इस छोटे से अस्पताल...

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page