जिम्मेदारियां
- Hashtag Kalakar
- Oct 24
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By Kapil Chugh
जिम्मेदारियां अच्छी हैं
दुविधा बढ़ाती हैं
दूसरों संग उलझाती हैं
खुद से दूर ले जाती है
भिड़ना नहीं पड़ता
खुद से जब नहीं मिलता
जवाब- तलब नहीं होता
बाहर के तालाब में डूबा
अपने समंदरों से उबरता
जिम्मेदारियां निभाता आदमी
खुद से बच जाता
पर अनगिनत सवालों
और अनसुने जवाबों का
पिटारा संग ढोए हुए
आखिर रुखसत हो जाता।
By Kapil Chugh

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