चक्रव्यूह
- Hashtag Kalakar
- Feb 14, 2023
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By Mrs Paramjeet Kaur Jagir Singh Thuain
मैंआजतकरिश्तोंकेअद्भुतखेलकोसमझनहींपाईहूँ।येखेलकभीरुलातेहैं,तोकभीहँसातेहैंतो कभीजीवनभरकेलिेएऐसेजख्मदेजातेहैं, जोलाखप्रयत्नकरनेकेबादभीभरतेनहीं ,जीवनपर्यंतरिसते रहतेहैऔरहमेशाकेलिेएकसकसीछोडजातेहैंतोकभीसंवेदनाओंकीऐसीचोटदेजातेहैंकिपत्थरदिल भीतिलमिलाउठें।अपनेस्पर्शसेकभीभीषणतपनमेंभीशीतलताकाआभासदेजातेहैंतोकभीलडखडाते कदमोंकोसहाराभीदेजातेहैंऔरकमालयहकिनकारात्मकजीवनमेंसकारात्मकताकेबीजबोदेतेहैं।
औरकभीभयानकउलट -फेरभीकरदेतेहैं।कुछनकारारिश्तेअच्छे - भलेइन्सानोंकाभीविश्वासडगमगा देतेहैं।सचमुचजीवनकेकुरूक्षेत्रमेंहमसबअर्जुनहैं।ऐसेअर्जुनजोहरपलभगवानकोहाजिर-नाजर जानतेहुएभीऔरसाथहीसाथहरधर्म,नियमकापालनकरतेहुएभीअनायासहीकाँपउठतेहैंफिरजीवन- समराँगनमेंआगेबढतेहुएएकमार्गदर्शक ,एकज्ञानदाताकीआवश्यकतामहसूसकरतेहैंऔरमानसिक रूपसेभीस्वयम्सेहीसंघर्षकरतेरहतेहैंऔरएकदिनजाने-अनजानेहीसहीअपनीसंतानोंकोभीरिश्तों केएकऐसेचक्रव्यूहमेंधकेलदेतेहैंजिसमेंवेनिरंतरसंघर्षकरतेरहतेहैं ,भरसकप्रयासकेबादभीउसमेंसेबाहरनहींनिकलपातेऔरउनरिश्तोंसेलडते-लडतेहीउनकेबनाएचक्रव्यूहमेंदमतोडदेतेहैं -दमतोड देतेहैं।
By Mrs Paramjeet Kaur Jagir Singh Thuain

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