गुमशुदा
- Hashtag Kalakar
- Oct 24
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By Aman Sonam
डूबीं डूबी सी वो बातें थे,
खोए खोए सी ये रातें हैं,
फिर गुमशुदा यूँ हो गया।
ग़म में बिताया क्यों,
पल में बुलाया क्यों,
फिर हो गई क्यों लापता।
खोए से है ये मन,
फिर न आए वो पल,
कुछ अधूरी-सी वफ़ा,
फिर न वार्तालाप हो।
कुछ हँसी, कुछ नमी, वो पल हुए,
खो गए, हो गए बस तेरे।
हाँ, हो गए थे मन मेरा बस तेरा,
वो पल कहाँ, फिर लौट के न आ रहा,
सब हुआ दुआ दुआ ।
By Aman Sonam

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