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गहरी बात

By Magan Chawla


ये जिंदगी मिली थी तुझे उस खुदा को पाने के लिए

पर तू अपनी खुदी में ही रह गया,

मंजिल थी तेरी वो एक खुदा ही

पर तू रास्तों में ही भटकता रह गया,

जाने के लिए आया था तू,पर यहीं का हो कर रह गया

ना जाने क्यों इस तरह,तू दुनिया का होकर रह गया,

बहता पानी,बहती नदियां,बहता ये समंदर था



ना जाने क्यूं इन लहरों में तू भी साथ बह गया,

हर बार सोचा तूने सब कुछ ही तो मिल गया

अब थोड़ा ही बस रह गया,

पर भूल गया इस कश्मकश में

जाने के लिए आया था तू,पर यहीं का हो कर रह गया,

दौलत पाई,शोहरत पाई और मोहल्लत भी तूने पाई थी

पर भूल गया शायद ,उस खुदा को पाना अब रह गया,

गौर करना इन लफ्जो पर,

थोड़े ही लफ्जो में मै तुमसे,बहुत कुछ ही कह गया

जाने के लिए आया था तू,पर यहीं का हो कर रह गया।।


By Magan Chawla



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