खामोशी
- Hashtag Kalakar
- Aug 14
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By Abhay Kr. Gaur
मेरे पास नहीं है तुम्हारे हर क्यों का जवाब
गर कुछ है तो बस खामोशी का साथ
किस किस पर डालते रहेंगे इल्जाम
इस साथ का होना था यही अंजाम
कोई क्यों कहे तुम्हें बुरा या भला
जो तुमने बोया वही तो तुम्हें मिला
मेरी खामोशी में जो सुन सको मेरी बात
तो शायद समझ पाओ क्यों बिगड़े हालात
ना बचा है कोई शिकवा और ना रहा कोई बैर
अलग राहें आसान हो जाएं जो ख़ुदा करे ख़ैर
By Abhay Kr. Gaur

Philosophical
I wish I could write this well, this is simply splendid
यथार्थवादी