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कोई है

By Aaishpreet Bajaj


मै उस से जितना भी माँगू

उससे ज्यादा ही देता है;

कोई है…

जो बेखौफ़ है,

पर मेरे लिए डरता है। 


कभी ऊँची उड़ानों के सपने थे उसके भी

अब वो ख्वाब मेरे लिए देखता है;

कोई है…

जो पत्थर सा दिखता है,

मगर मेरे दूर जाने पर टूट जाता है। 


बारिशें पसंद है मुझे

और वो पानी से डरता है;

कोई है…

जो मुझे आज़ाद कर,

खुद ज़माने से लड़ता है। 



कोई है…

जिसके होने का अहसास नही,

पर उसके दूर जाने पर

कुछ अच्छा सा नही लगता है। 


कोई इतना कीमती भी है,

जिसके खो जाने पर

जिंदगी से सुकून चला जाएगा। 


वो मेरा

विश्वास टूटने पर,

मुझमे फिर यकीन जगाना। 

वो फिर प्यार से मेरा सिर सेहलाना। 

जब भी हार कर लौटूँ मै,

मेरा होंसला बन

वो मुझे शेर कहकर बुलाना। 


कोई है…

जिसने इतना संभाल कर रखा है,

कि उसके बगैर मुझे फिर कौन बचाएगा। 


कोई है…

जो अगर चला गया,

”तो ज़िंदगी मे कुछ भी नही रह जाएगा।“


By Aaishpreet Bajaj

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