ऐश नहीं जिम्मेदारी है
- Hashtag Kalakar
- Oct 23
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By Dr Er Ratnesh Gupta
दोस्तों ने कहा – अभी तो है जवानी,
कर ले ऐश, कल होगी कहानी।
पर कैसे बताता उस दर्द को मैं,
पैसे न थे, वक्त न था, चैन कहाँ।
Private college की फीस थी बोझिल,
पर सपनों की लौ रखनी थी मुनासिब।
पापा का छोटा बेटा कहलाता होशियार,
कैसे छोड़ देता मेहनत का संसार।
रिश्तेदारों की जलन भी सहनी पड़ी,
उनकी नज़रों में भी मेहनत रखनी बड़ी।
आज उसी दर्द ने मुझको बुलंद किया,
ज़िम्मेदारी ही मेरी असली ऐश बना दिया
By Dr Er Ratnesh Gupta

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