एक आंधी
- Hashtag Kalakar
- Aug 8
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By Poorvi Joshi
गहरी सी एक आंधी आई
बादलों ने बरखा की नीद उड़ाई
ज़ोर ज़ोर से बादल ग़रज़े
बिजली की चिंगारी जलाई
शम्म शम्म करके बरखा आई
क्या ख़ूबसूरत तस्वीर बनाई
रिम जिम जिम जिम
बूंदे बरसायी
धरती की मिट्टी महकाई
फूलों की पंछियों की
दुनिया रुशनायी
प्रेम की एक प्यारी से ग़ज़ल सुनाई
गहरी सी एक आंधी आई
बादलों ने बरखा की नीद उड़ाई
By Poorvi Joshi

Superb
Heart touching
Good Poem..