Who Am I
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
- 1 min read
By Randeep Maan
मैं कौन हुँ
" मैं कौन हुँ ?" , एक औरत यह पूछ रही है ।
मरीज़ है क्योंकि अस्पताल में है ,
दिखने में भी बुजुर्ग है ।
जिन खाली आंखो से मुझे देख रही है
उनमे कुछ और ना सही, ममता तो है,
तो शायद यह माँ भी है ।
वार्ड के बिस्तर के किनारे बैड़ी अपने हाथो को मसल रही,
इर्द-गिर्द देख रही, यह विचलित भी प्रतीत होती है ।
झुरियों भरी पतली खाल इसका एक लौता गहना है,
तो यह शायद एक गरीब गृहस्त जीवन के तपस की भोगी भी है , इसका दुर्बल शरीर ही राग गा रहा है ।
अपनी मीठी , दबी सी आवाज में मुझसे पुछती है ,
" मेरी माँ कहाँ है ? " , जवाब ना मिलने पर खुद ही मुस्कुरा के , ज़रा सी भोएं मिला के दरवाज़ा ताकती है ,
यह किसी बेटी भी रही है ।
क्या किसी के रंग-रुप से उसकी कहानी बताई जा सकती है? उसकी पसंद नापसंद ? उसके मन में विचार ? उसकी बेचैनी की वजह ?
एसा होता तो लोगो को प्यार करना, उनका ध्यान रखना कितना सरल होता ।
लेकिन अब इन सवालों के जवाब पूछने पर भी नहीं मिल रहे ।
सिर्फ़ अपना नाम पूछे जाने पर " लक्ष्मी " बताया ।
" लक्षमी " का दिमाग Alzheimer's की जकड़ में है ,
और देखो कैसे इनसान
By Randeep Maan

Comments