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Varangana

Updated: Jun 1, 2023

By Nilesh Kute



सुबह के ५ बजे थे | एक चॉल में स्थित छोटे झोपडे का दरवाजा खटखटाया जा रहा था | वेदांत की दादी अँधेरे में उठके लाइट जलाकर दरवाजा खोलती हैं | सुनंदा थकीहारी घर आती हैं | दादी उस के लिए चाय बनाने किचन में जाती हैं | सुनंदा आइने में देख बालों से सुखा गजरा निकालती हैं | अपने बालों को खुला छोड़ती हैं | फिर कानों से झुमके निकालकर मेकअप उतारने के लिए मुँह पे तेल लगाती हैं | और दिवार पर लगी डंडी के ऊपर से काले मनी का हार निकालके पहन लेती हैं | अपनी चीज़े समेट ने के बाद वह नहाने जाती हैं | इतने में दादी सुनंदा को उसने बनायीं चाय पीने बोलती हैं और बिस्तर में जाके लेट जाती हैं | नहाने के बाद सुनंदा चाय पी लेती हैं और खाना बनाने लगती हैं | आधे घंटे में सुनंदा का खाना बनाकर हो जाते हैं | दादी के पास जाकर उसे उठाती हैं |

"आत्या !!! उठो खाना बना दिया हैं मैंने "

"हा !!", दादी उठते हुए बोलती हैं.

"ठीक हैं... मैं बहुत थक गयी हूँ.. आप जरा वेदांत को स्कूल भेजने की तैयारी करदेना!", सुनंदा सोते हुए बोलती हैं.

"हा" वेदांत को उठाते हुए दादी बोलती हैं..

दादी वेदांत को उठाती हैं | वोह अंगडाई लेते हुए उठता हैं और नहाने के लिए जाता हैं | तब तक दादी अलमारी से उसके स्कुल के कपडे निकालती हैं | वेदांत नहाने के बाद ,दादी उसे स्कुल के कपडे पहनाती हैं और उसे बाल बनाकर तैयार करती हैं | इसके बाद वेदांत अपनी स्कुल की बैग में पढाई का सामान और दादी ने दिया टिफीन भरके स्कुल जाने निकलता हैं |

वेदांत अपनी क्लास में दोस्तों के साथ गपशप कर रहा था | तभी मॅडम क्लास में आकर उनके टेबल पे कुछ किताबें और फाइल्स रखके बैठ जाती हैं | सब बच्चे अपनी किताबें खोलकर मॅडम आज क्या सिखाने वाली हैं इसका इंतिजार कर रहे थे | लेकिन मॅडम कुछ बच्चो के नाम लेके उन्हें खडे होने कहती हैं | जिनमे से एक नाम वेदांत का भी होता हैं | वेदांत को कुछ समझ नहीं आता | मॅडम टेबलपर रखी फाइल्स में से फॉर्म्स निकालती हैं | और उठाये हुए बच्चो से कहती हैं कि, " बच्चो !!तुम्हारे स्कॉलरशिप के फॉर्म्स आ गए हैं | इसके लिए मुझे आपके मातापिता क्या काम करते हैं और सालाना इनकम कितना हैं इसकी जानकारी चाहिए | आप अपने मातापिता से पूछकर मुझे कल बता देना..ठीक हैं !! बैठो !!" ये बोलने के बाद खडे हुए सब बच्चे हा में हा मिलाकर बैठ जाते हैं |लेकिन वेदांत अकेला गहरी शोचमे खोए हुए बैठता है | क्योंकि उसे कोई कल्पना नहीं होती हैं उसकी माँ कहाँ और क्या काम करती हैं | फिर भी वेदांत इस बात से उत्सुक होता हैं कि मॅडम ने पुछा हैं तो माँ को वह क्या काम करती हैं ये बताना ही पडेगा और उसी बहाने उसे भी पता चलेगा कि उसकी माँ आखिर क्या काम करती हैं |

वेदांत किसी से भी बिना बात किए सोच में डुबा घर आता हैं | कंधे पर लगी बॅग को वैसेही नीचे रख देता हैं | जब वह कपडे बदलने लगता हैं तब उसे बर्तन धोने की आवाज आती हैं | उसे लगता हैं कि उसकी दादी ही होगी, इसलिए उसे आवाज देते हुए वह किचन में जाता हैं तब उसकी माँ बर्तन धो रही होती हैं | माँ पिछे मुडकर देख के बोलती हैं कि,

"दादी नहीं मैं हूँ !!! क्या चाहिए तुम्हे ??

"मॅडम ने पुछा हैं आप क्या काम करती हो |" , वेदांत झटसे पुछता हैं |

"क्या ? अsss वह कुछ नही किचन में खाना रखा हैं वह चुपचाप से खाओ जल्दी !!!" माँ बोखलाकर बोलती हैं |

वेदांत कुछ बोलने जाता हैं इतने में उसका दोस्त उसे बाहर बुलाता हैं |

"वेदांत मेरे साथ जरा बाजार में चलोगे कुछ मुझे कुछ सामान खरीदना हैं |"

"मैं नही आ रहा तुम जाओ ", वेदांत थोडा गुस्से में बोलता हैं

"वेदांत बडे भैय्या इतना बुला रहा हैं तो जाते क्यों नही !!" वेदांत के सवाल को टालने का मौका देखकर माँ बोलती हैं

वेदांत बिना कुछ कहे दोस्त के साथ बाजार जाने निकलता हैं | इसी दौरान वेदांत की माँ बर्तन मांजकर पुरे घर की साफसफाई करती हैं | और काम पर जाने के लिए तैयार होती हैं | वेदांत और उसका दोस्त बाजार की और चलने लगते हैं | तब वेदांत का दोस्त उसे कहता हैं,

"वेदांत ! माँ बोल रही थी मेरे साथ बाजार जाओ.. तो मना क्यों कर रहे थे |"

"वह भैय्या ऐसेही !!!" लड़खड़ाके वेदांत बोलता हैं

उसके बाद वेदांत थोड़ी देर शांत हो जाता हैं और अपने दोस्त से कहता हैं ,

"भैय्या एक सवाल पूछू ??"

"है पूछ ना !!!", दोस्त बेझिझक बोलता हैं

"भैय्या आपको मेरी माँ क्या काम करती हैं पता हैं क्या??", थोडा सहमे से पूछता हैं

"हा पता हैं मुझे !!", अचानक बोल देता हैं

"बताओ क्या काम करती हैं माँ?", वेदांत उतावला होकर पुछता हैं

वेदांत के दोस्त को पता होता हैं| लेकिन वह उसे बताता नही बल्की वेदांत की माँ साई बाबा सोसायटी में कपडे और बर्तन धोने का काम करती हैं ये बताता हैं | इसपर वेदांत उसे बोलता हैं,

"वो काम तो तुम्हारी माँ करती हैं ना भैय्या?? मेरी माँ के बारे में बताओ !!"

"अरे माफ करना मुझे लगा तुम मेरे माँ के बारे में पूछ रहे हो| तुम्हारी माँ क्या करती हैं मुझे नही पता |", संभलकर बोलता हैं

"अरे भैय्या लेकीन आपने ही तो बताया अभी की आपको पता हैं", वेदांत बोलता हैं

वेदांत की बात तालकर उसका दोस्त उसे कहता हैं कि चलो कुछ खाते हैं | वह दोनों समोसे की दुकान पर खाने जाते हैं तभी इंतिजार करते करते उसके दोस्त को वेदांत की माँ सजधजके रिक्षा में जाती दिखाई देती हैं | वेदांत को ये ना दिखे इसलिए वह उसका चेहरा मुड़ा देता हैं | थोडा बहुत खाने के बाद वेदांत और उसका दोस्त वापस घर जाने लगते हैं | लेकिन वेदांत पहले से थोडा नाराज और सोच में डुबा दिखाई देता हैं |

वेदांत घर पे आकर दादी से भी बात नही करता | दूसरे दिन स्कुल में मॅडम जिन बच्चो के स्कॉलरशिप के फॉर्म आये थे उन्हें एक एक करके बुलाती हैं और उनसे मातापिता के काम के बारे में पूछती हैं | आखिर में वह वेदांत का नाम लेकर उसे बुलाती हैं और कहती हैं,

"हा, तो बताओ तुम्हारी माँ क्या काम करती हैं??"

"नहीं पता मॅडम", वेदांत थोडा डरके बोलता हैं

"मैंने कहा था ना कल के पूछकर आना अपने मातापिता से ??", मॅडम थोडा गुस्से से कहती हैं

"हा !!", वेदांत काँपते हुए बोलता हैं

"तो फिर क्या हुआ ?? क्यों नहीं पूछा अपनी माँ से ???", मॅडम सहमे से कहती हैं

वेदांत कुछ भी बोलता नही शांत खडा रहता हैं |

"वेदांत बोलो !!! सिर्फ ऐसे बुद्धू जैसे खडे रहोगे क्या ??"

वेदांत फिर भी कुछ बोलता नही | मॅडम को फिरसे गुस्सा आने लगता हैं वह उसपर चिल्लाते हुए कहती हैं ,

" अरे बोलो वेदांत...मुझे दिनभर यही करते नहीं बैठना हैं..तुम ऐसे नही मानोगे | कल अपनी माँ को लेकर स्कुल में आना | वैसे भी कल स्कुल में पेरेंट्स मिटिंग हैं | तब मैं तुम्हारे माँ से बात कर लूँगी |"

ये कहकर मॅडम सारे बच्चो को शांत करती हैं और पढाने लगती हैं | वेदांत घर आकर फिरसे किसी से बिना बात किए नाराजी में दिन काटता हैं |

अगले दिन सुबह ५ बजे वेदांत की माँ नहाकर बाहर आती हैं और पूजापाठ करने लगती हैं | फिर दादी ने बनाई चाय पीकर खाना बनाने लगती हैं | आधे घंटे के बाद माँ खाना तैयार करके सोने जाती हैं और दादी को वेदांत के स्कुल की तैयारी करने उठती हैं | दादी वेदांत को उठती हैं फिर वेदांत नहाने जाता हैं | तब तक दादी उसका टिफीन भरती हैं | वेदांत नहाने के बाद दादी उसे स्कुल के कपडे पहनाती हैं तब वह दादी से पेरेंट्स मिटिंग के बारे में बताता हैं और पुछता हैं,

"दादी !! माँ क्या काम करती हैं??"

"क्यों बेटा?? उसके काम से तुझे क्या करना हैं??", दादी संभलते हुए बोलती हैं

"मैंने माँ से पूछा था लेकिन उसने मुझे बताने से मना किया |", वेदांत अपनेआप बोलने लगता हैं

"लेकिन क्यों चाहिए वो तो बताओ !!", दादी शांती से कहती हैं

"अरे दादी , मॅडम ने पूछने को कहा था | लेकिन माँ ने बताया नही इसलिए मॅडम ने मुझे बहुत दाटा | और आज माँ को मिलने बुलाया हैं |", आँखों में पानी आते हुए वेदांत बोलता हैं

"ऐसा क्या !!", दादी वेदांत के पीठ को सेहलाते हुवे कहती है

"दादी आप पूछो ना माँ से !!", वेदांत आँखे पोछते हुए बोलता हैं

"नहीं बेटा मैं नही !! मैं उसे उठाती हूँ तुम खुद पूछ लेना |", दादी टालते हुए बोलती हैं

इसके बाद दादी सुनंदा को उठाती हैं | आधे नींद से उठकर चिडते हुए माँ कहती हैं,

"क्या हुआ आत्या ??"

"माँ तुम्हे आज स्कुल में बुलाया हैं |", वेदांत बोलता हैं

"तुमने क्या किया स्कुल में??", माँ डाँटने के सुर में बोलती हैं

"नही माँ वह मैंने पूछा था ना की तुम क्या काम करती हो |", समझाते हुए बोलता हैं

"हा तो उसका क्या??", माँ हैरान होकर बोलती हैं




"आपने नहीं बताया इसलिए मॅडम ने मुझे बहुत डाटा...और आज तुम्हे मिलने बुलाया हैं क्योंकि आज पेरेंट्स मिटिंग हैं |", एक ही साँस में वेदांत बोलता हैं

"मैं आज नही आ सकती बेटा!! अभी काम से थककर आयी हूँ ना | फिर कभी मिल लूँगी मॅडम से |", वेदांत की बात को टालते हुए बोलती हैं

"नहीं मुझे कुछ नही पता आज आप मेरे साथ स्कुल में आओगी | नहीं तो मॅडम मुझे मारेगी |", रोते हुए बोलता हैं

"इतनी सी बात के लिए कोई मारेगा क्या!!! तुम जाओ कुछ नही होगा |",माँ उसे पास लेकर कहती हैं

"नही अगर तुम नही आयी तो मैं आज स्कुल नही जाऊँगा |",वेदांत गुस्सा होकर बोलता हैं

"अग सुनंदा इतना कह रहा हैं वह तो जाओ ना उसके साथ स्कुल !!", दोनों के बीच दादी बोलती हैं

दादी की बात मानकर वेदांत और उसकी माँ स्कुल में जाने के लिए तैयार होते हैं | स्कुल में मॅडम स्टाफरूम से क्लास जाने निकलती हैं तब वेदांत और उसकी माँ सामने आ जाते हैं | मॅडम वेदांत से कहती हैं,

"अरे वेदांत तुम यहाँ क्या कर रहे हो, क्लास में गए नही ??"

"मॅडम वह माँ मिलने आए हैं आपसे", लड़खड़ाकर कहता हैं

"नमस्कार मॅडम !! आपने ऐसे अचानक मुझे बुलाया , वेदांत ने स्कुल में कुछ किया क्या ??", सब जानते हुए बोलती हैं

"वेदांत तुमने माँ को बताया नही उन्हें क्यों बुलाया हैं??"

"नही मॅडम मैंने सब कुछ बताया हैं |", माँ का हाथ पकडके कहता हैं

"देखो वेदांत की माँ इतनी कुछ बडी बात नही मैंने सिर्फ स्कॉलरशिप के फॉर्म के लिए मातापिता क्या काम करते हैं ये पूछा था | लेकिन वेदांत हैं कि दो दिन से बता ही नही रहा | मुझे लगा वह जान बूझकर ऐसा कर रहा हैं इसलिए मुझे आपको बुलाना पडा |", समझाते हुए मॅडम बोलती हैं

"उसे कैसे पता होगा मॅडम उसे पता ही नही हैं | मतलब मैंने खुद उसे बताया नही हैं |", थोडा भावनिक होकर माँ कहती हैं

"क्यों?? देखिये बच्चो को पता होना चाहिए के उनके माँ बाप क्या काम करते हैं | और ऐसा क्या काम करती हैं आप जो उसे अबतक बताया नही |", कठोरता से मॅडम बोलती हैं

माँ बोलने जाती हैं उतने में वह वेदांत को क्लास जाने कहती हैं | जाते जाते वेदांत की नजर माँ और मॅडम की बातों पर होती हैं | वह जाने के बाद मॅडम कहती हैं,

"हा बोलो आप !!"

"मॅडम मैं एक वेश्या हूँ |", माँ बोलती हैं

"क्या वेश्या ??", चौक कर मॅडम बोलती हैं

मॅडम को क्या बोलू ये समझ में नही आता | वो वेदांत की माँ को स्टाफरूम के अंदर बैठकर बात करने बोलती हैं | मॅडम के टेबलपर जाकर माँ और मॅडम सामने बैठ जाते हैं | तब माँ बोलती हैं,

"देखा मॅडम वेश्या सुन के आपको को भी क्या कहे समझ नही आ रहा |", सहमे से माँ बोलती हैं

"हा.. लेकिन ऐसी क्या मजबूरी हैं जो आपको ये काम करना पड़ रहा हैं??", मॅडम पूछती हैं

"मॅडम सच बताऊँ तो नसीब ही मजबूरी हैं |", भावुक होकर कहती हैं

"लेकिन ये काम करने के पीछे कारन क्या हैं ??", मॅडम पूछती हैं

"कारन बहुत बडा हैं मॅडम !!! बताने जाऊँ तो आपको सुनने नही होगा और मुझे बताने नही होगा |", माँ सर नीचे करके बोलती हैं

"फिर आप ये काम छोड क्यों नही देती??", मॅडम भावुक होकर कहती हैं

"और क्या करूँ??", परेशान होकर बोलती हैं

"दूसरा कोई भी काम करो |", मॅडम समझाते हुए कहती हैं

"दूसरा कोई भी मतलब, बर्तन और कपडे धोना यही ना??"

"हा", मॅडम संभलते हुए बोलती हैं

"मॅडम हमारे जैसी औरतें पहले यही काम करती हैं लेकिन कुछ न कुछ गडबड हो जाती हैं और इस धंदे में आना पडता हैं | पहली बार मुझे भी ये काम पसंद नही था पर करना पडा | और जैसे हर एक इंसान अपने काम में कुछ नया ढूंढने जाता हैं वैसे हम भी अपने इस काम में नया ढूंढते रहते हैं | इसलिए अब हमें इस काम में कुछ बुराई नही लगती |", मॅडम को अपने जवाब से शांत कर देती हैं

"लेकिन इस काम में अच्छा क्या हैं??", मॅडम सोचकर बोलती हैं

"आपको क्या अच्छा हैं तो मैं नही बताऊँगी वह मुझसे ज्यादा आप जानती हैं | पर एक सवाल पुछू तो चलेगा ??", माँ समझाते हुए बोलती हैं

"है पूछो!!", मॅडम लड़खड़ाकर कहती हैं

"ग्रांटरोड में हमारा बाजार हैं आपको पता हैं ना??"

"हा उसका क्या??"

"समझाने के लिए पूछ रही थी | मतलब जहा ग्रांटरोड में हमारा बडा बाजार हैं वहा से कभी बलात्कार होने की खबर आयी हैं???",ऐसे पूछकर माँ मॅडम को सोचने पे मजबूर करती हैं

"ये क्या सवाल हुआ??", सोचते हुए मॅडम बोलती हैं

"आप जवाब तो देना मॅडम !!"

"मतलब मैंने खुद तो कभी ऐसा सुना नही और कभी पढने में भी नही आया ", धीरे धीरे बताती हैं

"हा अभी आप सोचो मॅडम !!", मॅडम को सोच में डालते हुए बोलती हैं

मॅडम गहरी सोच में डूब जाती हैं | तब अचानक वेदांत की माँ उनसे कहती हैं,

"चलो मैं निकलती हूँ बहुत देर हुई हैं | वेदांत की दादी रह देख रही होगी |", सोच से हटाकर बोलती हैं

"हा आप जा सकती हैं, लेकिन फॉर्म पर आप क्या काम करती हैं लिखू??", मॅडम बोखलाकर बोलती हैं

"मॅडम आप मुझसे बहुत पढी लिखी हो आपको जो सही लगे लिख देना |", बिना झिझककर कहती हैं

माँ के जाने के बाद मॅडम को क्या करे समझ में नही आता | वह क्लास में जाकर टेबलपर अपनी किताबें और फाइल्स रखकर बैठ जाती हैं | थोड़ी देर सोच में बैठने के बाद वह उठकर मुह धोने बाथरूम जाती हैं और कुछ फैसला लेकर अपने कुर्सी पर आकर बैठती हैं | अपनी फाइल्स से वेदांत का फॉर्म निकलती हैं और पेन निकालकर फॉर्म में 'वारांगना' लिखती हैं तब चैन की साँस लेती हैं | लेकीन अचानक वेदांत उनके पास आकर खडा होता हैं और उतावला होकर पुछता हैं,

"मॅडम माँ ने बताया क्या वह क्या काम करती हैं??"

मॅडम को क्या बताए कुछ समझ नही आता | वह वेदांत की तरफ एक दो सेकंड देखती रहती हैं और फिर कहती हैं,

"हा बताया !!! वेदांत बेटा तुम्हारी माँ समाज सेविका हैं |", बेझिझक कहती हैं

"समाज सेविका मतलब वही जो लोगो की मदत करते हैं ??", खुश होकर कहता हैं

"हा वही !!! पर तुम्हारी माँ हम सबसे अलग हैं | तुम्हारी माँ हैं इसलिए मेरे जैसी औरते और ये तुम्हारे क्लास की लड़कियाँ सुरक्षित हैं |", सन्मान के साथ कहती हैं|

ये सुनकर वेदांत के चेहरे पर बड़ी मुस्कान आती हैं और खुश होकर मॅडम की तरफ देखता हैं|



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