By Suroochi Rahangdale
तू जो मिल जाए यह थमी सांसे फिर से चल जाए।
जी लूं हर पल को।
तेरे साथ।
आज और फिर कल को।
जैसे बंजर जमीं को बारिश मिल जाए।
और मुरझाए वह फूल फिर से खिल जाए।
तू जो मिल जाए यह थमी सांसे फिर से चल जाए।
खो जाए हम यूं जैसे मिलते हो,
सागर में दो लहरें एक दूजे को।
ना आए फिर से दूरियां ऐसे जुड़ जाए।
तू जो मिल जाए यह थमी सांसे फिर से चल जाए।
By Suroochi Rahangdale
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