By Riya Singla
आज का वक्त है बड़ा रोमांचक-सा,
मन में उठे ढेरों सवालों का भवंडर-सा,
कहीं किसी क्षण एक नन्ही सी आस-सा,
कहीं एक खतरनाक और डरावना डर-सा,
गुजरे हुए कल के बीते लम्हों की याद-सा,
एक नए सुहावने सफर के एहसास-सा,
मन में उठे तेज प्रज्वलित दुःख के उफान-सा,
तो कहीं एक कोने से बहते शांतमय सागर के धैर्य-सा,
पश्चाताप और अतीत के कारण बहते आंसू-सा,
प्रकाशमयी और उज्ज्वल भविष्य की कामना-सा,
कहीं खट्टा-मीठा सा तो कहीं अटपटा-सा,
जो भी कहो आज का वक्त है बड़ा रोमांचक-सा।
By Riya Singla
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