By Sanad Jhariya
पापा के कंधों में बैठके,
हौंसले मेरे बहुत उड़े होंगे,
इस जिंदगी में रंग भरते भरते,
हाथ पापा के बेरंग पड़े होंगे।
मेरी ज़िदों को पूरा करने,
कितनी ज़िदों पे पापा अड़े होंगे,
मुझे बचाने के लिए ना जाने,
कितनो से पापा लड़े होंगे।
बस एक भरोसे पे पापा के,
ख्वाब मेरे बहुत बड़े होंगे,
कहीं गिरा तो हाथ थामने,
पापा पीछे खड़े होंगे।
By Sanad Jhariya
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