Kya Likhun
- Hashtag Kalakar
- Jan 9
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Updated: Jul 14
By Gyan Prakash
समझ नहीं आता तुझे मैं क्या लिखूं
तूफाँ लिखूं या ठंढी हवा लिखूं
मंजिल लिखूं तुझे या लिखूं मैं हमसफ़र
एक शख्स लिखूं या पूरा कारवां लिखूं
मौका हो कभी तो एक बार पूछ लेना
हाथों में तेरी अपनी सारी दास्ताँ लिखूं
मुहब्बत और इबादत में फ़र्क़ ही कितना है
तू गर इजाजत दे, तो तुझे अपना खुदा लिखूं
एहसास नहीं तुझे, ये दिल कितना कमजोर है
डरता हूँ बहुत, जब भी कुछ नया लिखूं
By Gyan Prakash

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