Kavi Aur Yogi: कविता लिखी नहीं जाती, कवि योगी बन जाता है
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Kavi Aur Yogi

By Pooja Singh



कविता लिखी नहीं जाती, कविता हृदय से उतरती है!

कुछ क्षणों में एक कवि योगी बन जाता है जहां सिर्फ वह और उसकी कल्पना होती है बाकी सारे विचार नगण्य या शून्य हो जाते हैं जैसे एक योगी समाधि की पराकाष्ठा को पार कर चैतन्य से परमात्मा की ओर बढ़ रहा हो !


By Pooja Singh




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