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Har Haal Me.....

Updated: Feb 2

By Shraddha


संकट खडा हो जख्मों भरा,चाहे हो लहू से मेरा सामना

मस्तक कटे किसी मोड़ पर, फिर भी मुझे तुझे थामना।।


घर गाँव से हो दूरियाँ,शत लाटत हो  मजबूरियाँ,

थामे न मेरा हाथ कोई चाहे न हो माँ की लोरियाँ,

एक क्षणू भी पीछे न हटूँगा यदि रक्त करना दान हो,

चाहे मुझे कुछ न मिले बस माँ भारती की शान हो।

प्रभु कहे कुछ माँग लो होगी तुम्ही मेरी कामना।।


मस्तक कटे किसी मोड़ पर फिर भी मुझे तुझे थामना…..


भटका न पाएगा मुझे पथ में तेरे कोई भी माँ,

 ये जन्म मेरा भक्त तेरा तेरी गोद का रक्षक मैं माँ,

तेरे विरुद्ध एक शब्द भी सुन न सकूँगा मैं कभी,

नितोड़ जख्म होगा मुझे यदि आँच माँ तुझपर पड़ी।

मेरे शब्द में मेरी सोच में बस है तेरी माँ भावना।।



मस्तक कटे किसी मोड़ पर फिर भी मुझे तुझे थामना…..


हो जन्म मेरा बार-बार तेरी गोद में-इस देश में,

हर बार करू रक्षा तेरी एक सिपाही के वेश में,

एक आखिरी मन में यही मैं ख्वाइश लेकर जा रहा हूँ, 

जो लोग जीते जी न पाते मैं मर के भी वो पा रहा हूँ।

करूं कर्म तेरे ही लिए है बार-बार ये प्रार्थना।।


 मस्तक कटे किसी मोड़ पर फिर भी मुझे तुझे थामना…..


By Shraddha




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