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Ehsaas Ek Vichar

By Jyoti Shah


प्यार कोइ भाषा नही जिसे लिखा या पढा िा सके ...

प्यार कोइ विषय नहीीं जिसे समझा या लसखाया िा सके ...

प्यार कोइ बोिी नही जिसे बोिा या सुना िा सके...

प्यार िो एहसास है जिसे मेहसूस ककया िा सके... जिया िा सके...

अगर लिखने बेठू तो दनुनया के सारे कागि कम पड़ िायेंगे क्योंकक ऐसा कोइ शब्द बना ही नहीीं िो प्यार का मतिब समझा सके ...

प्यार का मतिब ये तो नही की हर बार िो आपको समझे या हर पि आपको प्यार करे ! कभी प्यार करना कभी तकरार होना कभी गुस्सा करना तो कभी समझदारी ददखाना कभी रूठना तो कभी मनाना बस यही तो होता है प्यार!




कोई ऐसा िो हम पर अगर गुस्सा भी करे तो उसमे भी प्यार हो

अगर हमे डाींटे तो उसमे हमारे लिए उनकी किक्र हो अगर हम रूठे तो उसमे उसके मनाने की उम्मीद हो अगर कभी िो रूठे तो उसमे उसका मुझ पर यकीन हो की में मना िूींगी अगर िो उदास हो तो में उसे हसाऊ उसके हर ददद को लमटाऊ बस उसकी बन िाऊ !

जिींदगी का हर मोड़ हर उतार चढाि में एक दसू रे का साथ हो

कोइ ऐसा िो हमे हमारी िान से भी ज्यादा प्यारा हो

जिसे देखो तो सारी थकान उतर िाए जिसकी एक मुस्कुराहट आपको खुश कर दे जिसके चेहरे पर की उदासी आपको बेचैन कर दे !


By Jyoti Shah





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