top of page
  • hashtagkalakar

Believe In Enternity

By Sushama


बुढ़ापा आज जब सर पे मंडरा रहा है,

तो मेरा दिल एक ही बात दोहरा रहा है,

की मुझे इश्क कर लेना चाहिए था|

गुम था मै दौर में जिंदगी के पाने और प् ही लेने की चमक ने,

मेरे दुसरे जज्बातों को गूमराह कर दिया था|

आज ये जज्बात जब दिल पर दस्तक दे रहा है,

तो मेरा दिल एक ही बात दोहरा रहा है

की मुझे इश्क कर लेना चाहिए था|

हंसी में उड़ा देता था मोहब्बत भरी दास्ताँ को,

परवाह नही थी नजरो के किसी,

जो अक्सर मेरी हंसी पर,

मुझे पर रुक जाया करती थी,

इतर जाता था में खुली जुल्फों को देख कर,

आज जब किसी की जुल्फों बिना,

ही मेरा रंग पिघलता जा रहा है,

तो मेरा दिल एक- ही बात दोहरा रहा है,

की मुझे इश्क कर लेना चाहिए था|

वो तिन शब्द न मैंने किताबो में पढ़े,

न पढने की कोशिश की किसी की आँखों में,

हैरान होता था जब “प्यार” के ढाई अक्षर पर लोग,

‘जिन्दगी’ के साढ़े तिन अक्षर को छोटा मानते थे|

मुझे गर्व होता था ‘जिन्दगी’ पर टिके रहने का,

‘प्यार’ को तो ठुकरा देता था,

आज जब प्यार से जुड़ा जीवन लोगो का मुस्कुरा रहा है

तो मेरा दिल एक ही बात दोहरा रहा है,

की मुझे इश्क कर लेना चाहिए था|







  1. मेरे ख्वाब की धुंदली तस्वीर

मेरे ख्वाबो की धुंदली तस्वीरों बस अब न तुम यूँ आया करों|

ख़त्म करों ये दौर यादों का उनका आना मुझे मालूम है की एक ख्वाब है|

यूँ हर दफा आधी नींद से जगा कर न ये जताया करों,

ए मेरे ख्वाबों की धुंदली तस्वीरों बस अब न तुम आया करों|

किस्सा वो मोहब्बत का ख़त्म हो चूका है|

एक राग था वो जो अब खो चूका है|

बाकि है बस मेरी ये सांसे और मेरी ये अकेली रातें,

यूँ आहट भरी उनकी यादों को ख्वाब में लाकर न मेरा जी जलाया करों|

ए मेरे ख्वाबों की धुंदली तस्वीरों बस अब न तुम आया करों|

जिन्दगी का वो लम्हा जिस दिन वो मिली थी मुझे,

मेरी बद्दुआओं में आज भी शामिल है|

वो हवा का झोका जिसने मेरे गीत उस तक पहुंचाएं थे,

हाँ पैगम्बर लग रहा था वो, आज कहर लग रहा है|

उससे मिलने की हर तारीख, एक जख्म सी है मुझमे,

उसे यूँ न तुम रोज बढाया करों|

ए मेरे ख्वाबों की धुंदली तस्वीरों बस अब न तुम आया करों|



मुझे आज तू अपनी चाहत बन लें|

मुझे आज तू अपनी चाहत बन लें|

छोड़ यूँ उम्र को जो ढलने की जिद लिए बैठा है,

ठुकरा के आईना ज़माने का मेरी आँखों को तू अपना घर बना लें|

मुझे आज तू अपनी चाहत बन लें|

क्या हुआ की तूने ठुकराया था मुझे कभी,

आज तो तू मेरे पास खड़ी है|

अब पिछले तेरे एहसासों को मुझे फिरसे ठुकराने न दें|

कर वफ़ा मुझसे, उस बेवफाई को तू आज चल बिता लम्हा बना लें|

मुझे तू आज अपनी चाहत बना लें|

जो बीते दिन दरमियाँ तूने बने थी खुद की मेरे एहसासों से,

वो तेरा नही ज़माने का रंज था मोहब्बत से|

मुझ पर बीत ही गयी इस रंज की दास्ताँ,

कर के इजहार तू अपनी भूल का आज खुद को उस रंज से बचा ले|

सुनो... मुझे आज तू अपनी चाहत बन लें|


  1. ख़त में लिखा जवाब माँगा है

ख़त में लिखा जवाब माँगा है, अपने बीतो दिनों का हिसाब माँगा है|

ख़त में लिखा उनसे जवाब माँगा है|

छुपते रहे वो हर सवालों से, पर्दा रहा उनका हमेशा उनके ख्यालों से|

आज उनसे उनका हिजाब माँगा है, ख़त में लिखा जवाब माँगा है|

नियमों और कायदों का उनका रोज का बहाना|

आने से इंकार, न बुलाने का फ़साना|

यूँ रोज रोज का उनका किताब माँगा है, ख़त में लिखा जवाब माँगा है|

बेरुखी रहीं उनकी हमेशा मेरे अरमानो पर, उनके ख्यालों में उलझता रहा मैं उनके सिराहने पर,

मेरे बातो पर उनकी दबी दबी हंसी का सबब माँगा है, ख़त में लिखा जवाब माँगा है|


  1. गुनाह

वजह कोई भी हो तेरे इंकार की तू मेरी परवाह न कर|

बहकर यूँ अश्क मेरी मोहब्बत पर, तू एक और गुनाह न कर|

एतबार को तोड़ कर इस इंकार से, मुझे क्यू छोड़े जाती है?

ये पूछ कर सवाल अपने आप से मुझे तू और खुद से जुदा न कर|

तुझे हो याकि या न सही|

मुझे अब भी एहसास है हमारे मोहब्बत की|

कह के कुछ नही अब दरमियाँ हमारे, उन एहसास को तू और खफा न कर|

बहकर यूँ अश्क मेरी मोहब्बत पर, तू एक और गुनाह न कर|


By Sushama







0 views0 comments

Recent Posts

See All

By Nandhini Chithra Dear Death, Tasting the pains of melancholy, Kissing the aches of monotony, Deep despair is piercing down- my wailing heart, silenced. Silence me fore ever, So I could hear no more

By Krupa Elsa Saji He is the fiercest king across the islands of Maestro, Nobody dares to place foot on the land he claims his own. There is no word passed against his will No redemption from the guil

By Vikas Rajoriya ये बादल क्यूँ रो रहे हैं ? कहीं ये उदास तो नहीं ? कहीं कुछ खोया तो नहीं ? कहीं कुछ रह तो नहीं गया ? कहीं कुछ ? ये बादल क्यूँ रो रहे हैं ? कहीं कोई अपना छोड़ तो नहीं गया ? कही किसी का

bottom of page